
मिनिमलिस्म -न्यूनतावाद, जीवन के कई क्षेत्रों जैसे की कला, स्थापत्य या सामान्य रहन सहन की एक शैली या पद्धति है जिसमे सिर्फ उन्हीं चीज़ों को रखा जाता है या फोकस किया जाता है जो उस क्षेत्र के लिए अति आवश्यक हों और उसको एक अर्थ प्रदान करते हों। फालतू के व्यवधान को हटाते जाना जब तक केवल मूल तत्व ‘कोर’ ही बचे यानि कम से कमतर।क्लिंट ईस्टवुड जैसी भव्य उपस्थिति के लिए ‘मिनिमल’ शब्द का उपयोग थोड़ा अजीब है। वह एक विशाल स्क्रीन प्रजेंस और युगांतरकारी सांस्कृतिक प्रभाव के साथ एक शारीरिक रूप से भी बड़े व्यक्ति हैं। फिर भी उनकी इस विशाल उपस्थिति के साथ भी , जो शब्द उन्हें परिभाषित करता है वह है ‘मिनिमल’ । वह और उनका कार्य 'एक सघन केंद्रीय संतुष्टि’ देने और बाकी सब कुछ हटाने के बारे में है। उनका मिनिमलिस्म उनके विराट व्यक्तित्व के प्रभाव को और सटीकता से फ्रेम करता है। हर क्षेत्र में उनका एक ‘लीन टेलीग्राफिक स्टाइल’ है जो उनकी स्क्रीन ‘प्रजेंस’ और उनके निर्देशन के आउटपुट की पहचान है।वो सब कुछ छिटकाते हुए अंतरतम कोर तक जाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, सिर्फ इसलिए नहीं इस से व्यवधान होगा (अवश्य ही होगा) बल्कि इस लिए की उस सब से उनका कुछ भी लेना देना नहीं है। वो सब व्यवधानों के बीच निपट स्पष्ट और साफ़ खड़े रहते हैं। जवानी की रंग रंगीली छवि के बावजूद ईस्टवुड एक चालक और बुद्धिमान व्यक्ति हैं। और ये बुद्धिमत्ता उनके राजनीति, संपत्ति शादियों और परिवार के प्रबंधन में साफ़ झलकती है। इन सब क्षेत्रों में वो बहुत संपन्न और स्थिर स्थिति में हैं। सबसे बड़ी बात ये बुद्धिमत्ता उनके करियर और कला को बनाने और बनाये रखने में बहुत सहायक सिद्ध हुई हैं ।
सर्जिओ लिओनी और डॉन सीगल के साथ स्पगेटी वेस्टर्न्स और डर्टी हैरी सीरीज से पहले ही ईस्टवुड को अपने अभिनय की सीमाओं का पूरा भान था। वो शान कोंनरी, डेंज़ल वाशिंगटन या मॉर्गन फ्रीमैन की तरह बहुआयामी अभिनेता नहीं हैं। उनकी रेंज सीमित है पर उस रेंज में वो अकेले, अद्वितीय हैं। British GQ के Jonathan Heaf लिखते हैं “पॉल नूमन हमेशा बेहद smooth थे , मार्लेन ब्रांडो बहुत सुन्दर, स्टीव मक्क्वीन काफी गर्म दिमागी के साथ पेश आते थे। ईस्टवुड एक बे परवाह stylishness के साथ आते हैं। वे दबंगई और विश्वास सिर्फ चुरुट को अपने होठों पर एक तरफ से दूसरी तरफ झटकने भर से ही परदे पर बिखेर देते हैं।” अभिनय से ज्यादा ईस्टवुड एक प्रजेंस हैं और उस उपस्थिति को उनकी जबरदस्त मर्दानगी, उनका रौब और एक खतरे की झलक मानीखेज़ बनाते हैं। अपनी अभिनय गत सीमाओं के चलते उन्हें अपने व्यक्तित्व के इन तत्वों से भरपूर काम लेना होता है। जब वो हलके फुल्के रोल कर रहे होते हैं तो भी उनके हलके फुल्के पन मैं एक अभिजात्य कड़ापन होता है। एक DJ, एक हाँफते FBI एजेंट, जर्नलिस्ट, बॉक्सिंग कोच, एक हिचकिचाहट से भरे ‘वेस्टर्न गन स्लींगर’ जैसे हलके फुल्के किरदारों में भी वो अपनी ‘असेट्स’ का पूरा दबदबा बखूबी लेकर आते हैं। हर किरदार उनके’ स्टार परसोना’ के तत्वों से लाभान्वित होता है पर self-caricature का शिकार नहीं होता। ईस्टवुड स्पष्टतया एक सीमित अभिनेता हैं पर वो अपने सीमित ‘स्किल सेट’ बेहद कुशल और resourceful हैं।

परदे पर भी उनका व्यक्तित्व एक ऐसे व्यक्ति का है जिसके व्यवहार में एक economy of gestures है उसे अपने को दिए हुए समय या ‘रिसोर्सेज’ को इस्तेमाल करने की कोई जल्दी नहीं है पर वो फोकस्ड है। जल्दबाजी में न होने का मतलब ये बिलकुल भी नहीं है की वो धीमा है। वो बेहद तेज़ है क्योंकि वो व्यवधानों में न पड़ सिर्फ बेहद सघन तरीके से कोर पर केंद्रित है। वो अच्छी तरह से जानते हैं कि कैसे किसी मुद्दे, किरदार या पूरी फिल्म की कोर को कैसे न्यूनतम हरकतों के माध्यम उजागर किया जा सकता है। स्क्रीन पर वो एक सुथरी कुशलता लिए होते हैं और एक निर्देशक के तौर पर वो अपने शॉट्स फर्स्ट टेक में निपटाने के लिए विख्यात हैं। उनकी विहंगम लगने वाली फ़िल्में भी अपनी केंद्रीय थीम पर पूरे अनुशासन से काम करतीं हैं। उदाहरण के तौर पर Unforgiven हिंसा की व्यर्थता और हीरो की हिंसा को लेकर अनिच्छा के बारे में है, Invictus तो मैनेजमेंट स्कूलों में लीडरशिप और reconciliation पढाने के लिए दिखाई जाती है और American Sniper स्नाइपर के नैतिक अकेलेपन का एक अध्ययन है। ये विशाल विहंगम थीम हैं और ईस्टवुड इन पर अपने धीमे ध्यानपूर्ण तरीके से फोकस्ड रहते है, ये विशालता कभी भी भटकाव का सबब नहीं बनती है हर दृश्य बहुत क्लीनिकल तरीके से अपनी आत्मा की परतें उतारते हैं. असर इस ‘क्लीनिकल एफिसिएंसी’ के बावजूद भी कभी भी मशीनी नहीं होता है।

ईस्टवुड गाथा में भी बिना भटके केंद्रीय तत्व की परतें उतारने की शिक्षा साफ़ दीखती है। जब सबको सीमित अभिनय क्षमता का एक सुन्दर नौजवान दिखता था तब इटालियन सेकंड यूनिट डायरेक्टर सर्जिओ लिओनी ने उनको लेकर जापानी समुराई फिल्मों और अमरीकी वेस्टर्न्स के मिश्रण से Man With No Name को पैदा किया। उन्होंने वेस्टर्न्स और समुराई फिल्मों के अंतर्निहित संरचना के मुख्य तत्व जैसे लड़ाकू लोग, धमकी भरे तरीके से घूरना, गन स्लिंगिंग को प्रधान कर व्यवधान पैदा करने वाले मेलोड्रामा और दुसरे तत्वों को गौड़ कर नए फॉर्मेट की रचना की। न्यूनतम डायलाग के साथ force of the personality का प्रभाव कम से कम मूवमेंट्स के साथ प्राप्त किया गया था। ईस्टवुड की ‘apprising taciturnity’, एक सजग धीर गम्भीर और विशाल व्यक्तित्व, इस विधा के बिल्कुल माफ़िक़ सिद्ध हुए। उनकी तब ही से पालिसी रही की यदि आपके पास अच्छी सामग्री है, तो उनके साथ बहुत अधिक खिलवाड़ न करें।
इटालियन स्टिंट के बाद क्लिंट ईस्टवुड एक स्टार तो बन ही गए थे, पर डर्टी हैरी सीरीज़ ने उन्हें एक आइकन बना दिया। डॉन सीगल ने उन्हें Coogan’s Bluff में निर्देशित किया था जहाँ ईस्टवुड ने अरिजोना के वेस्टर्न शेरिफ की भूमिका निभाई थी जो एक अपराधी को पकड़ने न्यू यॉर्क आता है। इस फिल्म में man with no name को एक शहरी परिवेश और एक पहचान मिली। समाज की गंदगी के बीच एक तरह की नैतिक स्पष्टता निक्सन युग की समझ को भा गयी। डर्टी हैरी के लिए मंच सज चुका था। डर्टी हैरी एक ऐसा व्यक्ति था जो अपराध से लड़ाई में लिबरल tentativeness जो अक्सर दुरुपयोग रोकने के लिए लायी जाती है, का पूरी तरह से परित्याग करने को तैयार था। इंस्पेक्टर कैलाहन (डर्टी हैरी का नाम), पूरी तरह से बुराई को निपटाने के लिए फोकस्ड है और किसी भी व्यवधान या हिचकिचाहट से कोसों दूर। उसकी पंक्ति “You’ve got to ask yourself one question, ‘Do I feel lucky?’ Well, do ya, punk?” सिनेमा के इतिहास की आइकोनिक पंक्तियों में से एक है। प्रभावशाली आलोचकों में हिंसा के महिमामंडन पर असहजता थी । लेकिन ईस्टवुड को righteous हिंसा के वाहन के रूप में दर्शकों ने पसंद किया। New Yorker के David Denby के सुन्दर और सटीक आकलन को मैं अंग्रेजी में ही रखना चाहूंगा “That moment—an insolent piece of pop cruelty—put Eastwood, at the not so young age of forty-one, over the top. An actor may work for years without becoming a star, as John Wayne and Humphrey Bogart did throughout the nineteen-thirties. Then, suddenly, looks, temperament, and role all come together—as they did for Wayne, in “Stagecoach” (1939), and for Bogart, in “The Maltese Falcon” (1941)—and the public sees the actor, sees what it desires. He becomes not only a star but a myth, as Garry Wills defined it in his 1997 book “John Wayne’s America”—something that was true for the people who needed it to be true. What the public needed from Eastwood by the time of “Dirty Harry” was both physical and, in a convoluted way, moral.” भारत में भी लगभग उसी समय एक असहज लम्बा साधारण पर बांध लेने वाले चेहरे मोहरे का एक एक्टर भी हर तरह के रोल में अपना भाग्य आजमा रहा था पर ज़ंज़ीर में मूड, लुक, और टेम्परामेंट सब का संगम हुआ और लोग जो एंग्री यंग मैन को असली होते देखना चाहते थे और वो ही हुआ। अमिताभ ने भी एक युग की आकाँक्षाओं, अपेक्षाओं, भयों और विकृतियों को लम्बे समय तक जिया। खैर, बैक तो ईस्टवुड।

शारीरिक डील डौल और शैली के दृष्टिकोण से ईस्टवुड एक पूरे युग की आकाँक्षाओं के एक माकूल वाहन थे। 1930 में पैदा हुए ईस्टवुड 6 फुट 3 -4 इंच लम्बे और दुनिया के सबसे फिट 80 फिर अब 90 साल के नौजवान हैं। अपने चरम पर उनके चलने में एक animal grace, a big-cat tension था जो अभी भी झलकता है। एक कुशल रिसोर्स मैनेजर के तौर पर ईस्टवुड इन सब खूबियों को परदे पर छाप छोड़ने के लिए बड़ी सफाई से जोत देते हैं। उनकी दमदार उपस्थिति में संसार की एक थकी पर गहरी समझ थी और इटालियन दौर के बाद एक मजबूत नैतिक केंद्र। पिछली शताब्दी के एक बहुत बड़े हिस्से में वो अमरीकन मर्दानगी और उसके individualism के सबसे बड़े प्रतीक बने रहे। व्यक्तिवाद का अकेलापन एक जरूरी साथी है। क्लिंट ईस्टवुड इस अकेलेपन में एकांत की भव्यता थी। वो कभी भी tortured soul वाले अकेलेपन को नहीं दर्शाते। उनका एकांत एक मोंक का एकांत था न की किसी outcast का अकेलापन। उनके मूवमेंट्स कम ज़रूर होते हैं पर वो भव्य होते हैं उनकी ग्रेस और एलिगेंस कभी भी नहीं घटती है। वो ऐसी फिल्मों में चमके जो self-referential - अपनी कलात्मक कृत्रिमता को लेकर सजग और अपनी भव्यता से पूरी तरह से वाकिफ थीं। लीन और टेलीग्राफिक फिल्म का मतलब स्टाइल की कमी कभी नहीं होता। उनका कोर पर फोकस काफी विस्तृत और सुन्दर हो सकता है। उनकी गहराई डाक्यूमेंट्री यथार्थवाद की मोहताज नहीं है।
हॉलीवुड में एक शब्द है क्लिंट मूवीज’. अपने सीमित पर बेहद प्रभावशाली अभिनय और ब्रांडिंग के स्टॉक के साथ ईस्टवुड ने अपने बेहद सफल करियर की कमान सम्हाली हुई है और कई दशकों से वो क्लिंट मूवीज’ निर्बाध तरीके से निकालते आ रहे हैं। फिल्म के विषय के साथ एक धीमा लम्बा समय बिताने के बाद उनका फिल्म निर्माण प्रायः तेज, कुशल और बिना तामझाम के होता है। उनकी कई फिल्में निर्धारित समय से पहले और बजट के भीतर समाप्त होने के लिए विख्यात हैं। यह भी मशहूर है कि एक बार उन्होंने केविन कॉस्टनर के डबल के साथ ‘ए परफेक्ट वर्ल्ड’ का एक शॉट फिल्मा लिया था क्योंकि कॉस्टनर शूटिंग के लिए सेट पर आने में देरी कर रहे थे। ईस्टवुड स्क्रीन के साथ-साथ सेट पर भी अपना दबदबा कायम रखते हैं।
स्क्रीन हिंसा के साथ उनका नाम हमेशा जुड़ा रहा है। परदे पर होने वाली हिंसा के महिमामंडन से सम्बंधित निबंधों में और अध्ययनों में उनके फिल्मों की खूब बात होती है। हालाँकि बाद की फिल्मों में उन्होंने काफी सफलतापूर्वक हिंसा की व्यर्थता को दिखाया है। Unforgiven के इस आयाम के बारे में काफी कुछ लिखा जा चुका है। उन्होंने महसूस किया कि हिंसा के खूनी पहलू अब उतना दम नहीं रखते और आराम से कॉपी किये जा सकते हैं। उन्होंने हिंसा की अधिक गहरी समझ विकसित की और उनके चित्रण में हिंसा एक व्यर्थ की वास्तिवकता बन कर निकलती है जिसमे किसी का भला नहीं होता. Gran Torino और Unforgiven इसके बड़े उदाहरण हैं।

राजनैतिक रूप से वो अमरीकी रिपब्लिक पार्टी के सदस्य और conservative विचारधारा के समर्थक हैं। वो कैलिफ़ोर्निया के कार्मेल के मेयर भी रहे। इन की फिल्मों की राजनीति की अक्सर आलोचना होती है। डर्टी हैरी में लोगों ने फासीवाद की झलक देखी। 2013 के रिपब्लिकन कन्वेंशन में खाली कुर्सी से उनका संवाद विचारधारा के आधार पर प्रलाप या क्लासिक कहा गया। मोटा मोटा उन्होंने पोलिटिकल करेक्टनेस के अतिरेक के विरोध में खुद को खड़ा किया है। New Yorker के रिचर्ड ब्रॉडी बिलकुल सही कहते हैं ‘With films ripped from the headlines (recent or past), such as “J. Edgar,” “Heartbreak Ridge,” “Flags of Our Fathers,” “Invictus,” and, “American Sniper,” Clint Eastwood has long been a conspicuously political filmmaker—the crucial American political filmmaker after John Ford (and before Spike Lee). But what makes a filmmaker political isn’t the choice of political subjects but, rather, the fullness of political thought, which extends to subjects that, at first glance, don’t seem political at all’. एक फिल्मकार को उसके विषय राजनैतिक नहीं बनाते जितना कि उसकी राजनैतिक विचार की पूर्णता जिसको वो ऐसे विषयों पर भी लगा सकता है जो ऊपर से राजनैतिक नहीं लगते। उन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प की नस्लवादी टिप्पणियों का समर्थन किया है और पोलिटिकल करेक्टनेस पर अधिक जोर देने के लिए वर्तमान पीढ़ी को ‘pussy generation’ कहा है। इसी तरह, उनकी फिल्मों में महिलाओं की भूमिका (बल्कि उनकी तुच्छता) एक आलोचना का बिंदु रही है। पर 90 के दशक से उनके बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता है। Line of Fire से उनके द्वारा महिलाओं के संवेदनशील चित्रण की शुरुआत मानी जा सकती जहाँ वो gender archetypes का मजाक उनका कैरीकेचर बना कर करते हैं। उनके ग्रैन टोरिनो और मिलियन डॉलर बेबी, जेंडर और नस्लीय संबंधों में उनकी संवेदनशील पकड़ के पुख्ता सबूत हैं। ऐसा लगता है कि वे इस मामले में बहुत बारीक व्याख्याओं में फंसने से नफरत करते है और 30, 40 और यहां तक कि 50 के दशक अपने युवा और कम उलझे पुराने दिनों को बरकरार रखना चाहते है। वह संवेदनशील है लेकिन हैं तो पुराने समय के ही।
वह हॉलीवुड के शायद सबसे महान अभिनेता निर्देशक रहे हैं, केवल वुडी एलन ही उनके करीब आते हैं और मेल गिब्सन का भी निर्देशक के रूप में एक विशिष्ट करियर है। हालांकि, कोई भी उनके करियर की लंबाई और गहराई के करीब नहीं आता है। ईस्टवुड Play Misty for Me यानि 1971 से निर्देशन कर रहे हैं और अधिकांश फिल्मे उनकी कंपनी ने ही निर्मित भी की हैं। और तो और, उन्होंने अपनी ज़्यादातर फिल्मों का संगीत भी दिया है। । किसी भी पैमाने पर वो इतिहास की सर्वाधिक सफल सिनेमा शख्सियत रहे हैं, शायद चार्ली चैपलिन को छोड़ कर।
Unforgiven को तब 62 वर्ष के ईस्टवुड की विदाई फिल्म के तौर पर देखा जा रहा था एक last hurrah ! तब से अब तक लगभग 30 वर्षों में उन्होंने 23 फ़िल्में बनायीं और 10 में तो उन्होंने अभिनय भी किया। 80 की उम्र के बाद उनके नाम 14 फ़िल्में हैं। Unforgiven और उसके बाद की फिल्मों ने आलोचकों का दिल और पुरस्कार दोनों प्रचुर मात्रा में जीते। उनका निर्देशक के रूप में body of work जैसे Unforgiven, Invictus, Gran Torino, Hereafter, Mystic River, Changeling, American Sniper, Letter from Iwo Jima और Sully उनको सिनेमा की सबसे ऊँची जमात में ले जाता है।Sully के बाद भी उन्होंने 15:17 to Paris, The Mule, Richar Jewell और Cry Macho जैसी फिल्मे दी। Cry Macho 2021 में आई इसमें 91 वर्षीय ईस्टवुड ने निर्देशन के साथ अभिनय भी किया है। उनके सधे स्पर्श ने स्थायी महत्व की फिल्में दी हैं। उन्होंने अपना करियर और स्टाइल खुद गढ़ा और खुद का आविष्कार और पुन: आविष्कार करने में वे निरंतर सफल रहे।एक सीधी और कसी हुई किस्सागोई की अपनी शैली के साथ उन्होंने ईस्टवुड मिस्टिक, स्टारडम को एक बोझ नहीं बनने दिया, लेकिन अपने माध्यम की सेवा में उसके निरंतर विस्तार में, अपने स्टार व्यक्तित्व और अपनी शक्तियों का भरपूर इस्तेमाल किया। उन्होंने वेस्टर्न्स को गहराई दी, उन्होंने righteous stylized violence के लिए जगह बनाई और बाद में उन्होंने हिंसा की निरर्थकता को तलाशने वाली फिल्मों (Unforgiven) को भी एक स्थान दिलवाया। रिडेम्पशन और reconciliation (Invictus). नस्लीय मुद्दे (Gran Torino) और दमदार महिला चरित्र Changelings और Million Dollar Baby, The Bridges of Madison County से फिल्म की संभावनाओं को आगे बढ़ाया. अपनी स्टार पावर का इस्तेमाल उन्होंने प्रयोगधर्मिता में किया। सबसे बड़ी बात कि उम्र ने उनकी फिल्मों के कसाव को बिलकुल भी कम नहीं किया। देव आनंद साहब वाला स्वांतः सुखाय फिल्मों वाला दौर उनका अभी भी नहीं आया है। उनकी सभी फिल्में, विशेष रूप से बाद की फिल्में सिनेमा की कहानी को आगे ले जाती हैं लेकिन वे मुख्यतः रूप से 'क्लिंट मूवीज' बनी रहती हैं।. Lean, minimal and spare thing of unbounded beauty.