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एरिक क्लैप्टन और उनके समकालीन म्यूजिक गॉड्स, कम से कम वो जो अभी भी हमारे बीच हैं जैसे कि कार्लोस सैन्टाना, बॉब डायलन या रोलिंग स्टोन्स संगीत की जीवन दायी शक्तियों के जीवित उदाहरण हैं। ये सितारे पूरी दुनिया की विरासत हैं। इनकी लम्बी संगीत की पारी भाग्य, प्रतिभा और सबसे बढ़कर एक दुर्लभ बुद्धिमत्ता के चलते ही संभव हुई वर्ना इन सब दैवीय प्रतिभा संपन्न महानुभावों की बला की अधिकताओं ने कोई कसर तो नहीं छोड़ी थी। पृथ्वी पर उनकी निरंतर उपस्थिति को में दैवीय प्रतिभा और दैवीय कृपा का सामान अनुपात में योगदान माना जा सकता है। बहुत संभव था की ये सब भी 3 Js जिमी हेंड्रिक्स, जिम मॉरिसन और जेनिस जोप्लिन की राह पकड़ लेते जो प्रतिभा के फड़कते आदिम अंगारे थे जो खुल के जले और अपने 28 वें जन्मदिन से पहले ही अपनी अधिकतओं की बलि चढ़ गए। लोग इन महान प्रतिभाओं के छोटे जीवन में के एक जोश भरी इकोनोग्राफी भी देखते हैं पर मेरे मन का प्रमुख विचार उदास होता है - What a waste . कितना कुछ इन बड़ी जिंदगियों के इतना छोटे होने से खो गया है वो तब दर्दनाक तरीके से स्पष्ट होता है जब हम इनके समकालीनों की उपलब्धियों को देखते है कि कैसे कार्लोस सैन्टाना, बॉब डायलन या रोलिंग स्टोन्स और ऐसे अनेक संगीत के बड़े नामों ने 3J के जाने के बाद बहुत लंबा जीवन पाया और संगीत के आयामों को नया विस्तार दिया। MTV, स्ट्रीमिंग या यूट्यूब जैसे नए माध्यम से उन सभी को फायदा हुआ। कल्पना कीजिए कि जिमी हेंड्रिक्स ने अपनी मृत्यु के बाद के लगभग 50 वर्षों में हमें क्या क्या दिया होता अगर ये अद्भुत प्रतिभा अपने समय के अतिरेक का शिकार न हुई होती।
एरिक क्लैप्टन भी, ऐसे असामयिक अंत के लिए एकदम सही पात्र प्रतीत होते हैं। जब वह मुश्किल से 20 वर्ष के था, तब ही लंदन में दीवारों पर ‘क्लैप्टन इज गॉड’ के नारे पर उभरने शुरू हो गए थे। इस रॉक गॉड के दर्जे ने और उनके नशे से लबरेज समय ने जो कुछ भी उनकी तरफ फेंका उसको उन्होंने पूरी शिद्दत से उपभोग किया। ऐसे में उन्होंने कई बार 'स्वर्ग के दरवाजे पर दस्तक' भी दी। ईश्वरीय कृपा से सही समय पर उनको समझ आयी। शराब और ड्रग्स की धुंध में, उनके मुताबिक, उनको ‘grace of despair’ यानी नैराश्य की कृपा मिली। उस धुंधलके में उन्हें स्पष्ट होने लगा कि वो एक व्यसनी, जुनूनी और बेचैन व्यक्तित्व के स्वामी हैं और मृग तृष्णा उनको नाच नचाती रहती है। उन्होंने अपनी आत्मकथा में अपने जुनूनी उत्साह के बारे में लिखा था कि जैसे ही वांछित वस्तु उसके कब्जे में आती थी, वैसे ही वो फीकी पड़ जाती थी। मादक द्रव्यों के सेवन या संगीत व्यक्तित्व दोनों के ही दृष्टिकोण से वो एक अनवरत भटकाव की स्थिति में थे। इस भटकाव से कोई निजात नहीं थी न तो यार्डबर्ड्स जहाँ से वो निकाले ही गए थे, न ही जॉन मायल के ब्लूज़ब्रेकर्स के साथ, न ही क्रीम या ब्लाइंड फेथ के साथ। हमेशा बेचैन रहने वाले क्लैप्टन एक अंतहीन प्रलाप के साथ अपने अगली निराशा का पीछा सा करते दीखते थे। अच्छी बात यह थी कि वह अपने इस दोष से अवगत थे और समय आने पर अपने बचाव के लिए इससे निपटने के लिए उनकी आत्मा में पर्याप्त संसाधन और ऊष्मा थी। इस समझ ने उन्हें बचा लिया। उनका संगीत, उनका जीवन या उनका सामान्य दृष्टिकोण उनकी इस कमी की जटिलताओं से निपटने और इसके घातक परिणीति से बचने से ही अपने आकार में आये। एक निर्विकार स्वीकृति उनका एक स्थायी व्यक्तित्व बन गया है- नपा तुला और अप्रभावित, बहुत कुछ उनके गिटार की धुनों तरह।
हालाँकि ये भी सच है की इस अँधेरे दौर ने उनको उस घातक मादक वातावरण से मिलने वाली प्रेरणाओं के लिए तैयार भी कर दिया था और हर अर्थ में वो 60s की पीढ़ी की सभी खूबियों को भी अपने भीतर लिए हुए हैं। साथ ही उनकी समय पर घोर विनाश से अपने कदम खींच लेने की समझ या ताकत उनकी एक खास तरह की विनम्रता की और भी इशारा करती है जहाँ अपनी कमजोरियों को स्वीकारा गया है। ये एक कुछ मासूम और थोड़ा ठिठका सा आत्म संवेदन, जो उनके समकालीन रॉक गॉड्स में पूरी तरह से नदारद था, उनकी जान बचने का सबब बना और उनके संगीत की दीर्घ आयु, विविधता और व्यावसायिक व्यवहार्यता और सफलता का कारण भी। उदाहरण के तौर पर अपनी आरंभिक ब्लूज को लेकर अपनी कट्टरता के बावजूद भी दर्शकों और व्यावसायिक स्वाद की मांगों के लिए अपनी संगीत शुद्धता से समझौता करने में कभी भी नहीं हिचकिचाए। उनकी विराट प्रतिभा ने कभी भी इन समझौतों को सस्ता नहीं होने दिया हमेशा उनका मान रखा।
जब उन्होंने 1985 में 'बिहाइंड द सन इन मोंटसेराट' एल्बम रिकॉर्ड किया, तो रिकॉर्डिंग लेबल ने इसे स्तर का नहीं पाया पाया और उनको मुँह पर इतना कुछ कह भी दिया। उनकी प्रतिक्रिया उनके व्यक्तित्व और उनके संगीत के बारे में बहुत कुछ बताती है। उन्होंने कहा, " नाराज होने के बजाय, मैंने चालाकी काम लिया और एक नई, अधिक स्वीकार्य शैली के लिए सहमत हुआ जो शायद मेरे कई पुराने ब्लूज़ दोस्तों के स्वाद के अनुरूप नहीं थी"। वह इस समझौते की वास्तविकता जानते थे और उसमें छुपे विवाद और क़ीमतों को भी समझते थे । उनकी प्रतिभा और विनम्रता ने उन समझौतों को एक सीमा के नीचे नहीं जाने दिया और उनके एक तरफ उनके सिद्धांतों और दूसरी तरफ़ दर्शकों और व्यावसायिक स्वाद और उनकी सफलता के बीच एक फ़ायदेमंद सामंजस्य, कला और व्यक्ति दोनों के लिए, प्राप्त करने में सफल हुई । लाभ स्पष्ट और विशाल था, न केवल रिकॉर्ड बिक्री के मामले में बल्कि उनकी रेंज के विस्तार में भी। इस ब्लूज़ शुद्धता वादी के काम में ब्लूज़, हार्ड रॉक शामिल है , रग्गे (आइ शॉट द शेरिफ), ballads (टीयर इन द स्काई, यू लुक वंडरफुल टुनाइट) और बीच-बीच में बहुत सारा ‘सेल आउट’ संगीत जिससे उन्होंने थोड़ी वेदना और बहुत सारी रेकर्ड बिक्री का अनुभव किया ।
उनके अपनी कमज़ोरियों और व्यसनों से इस लड़ाई ने उनके व्यक्तित्व में संघर्ष की चमक और विनम्रता का ठहराव ला दिया था । अहं से विहीन एक संगीत का वाद्य जो जूनियर आर्टिस्ट्स के साथ भी साइड मैन बन सकता है , एक पुरोधा जो दूसरे गायकों के कवर गाने में कैसी भी शर्म नहीं महसूस करता है , एक सुपर स्टार जो कभी भी फ़ैन बॉय बन सकता है, एक शुद्धता वादी जिसके लिए कोई भी संगीत वर्जित नहीं होता और एक धुत्त विलासी जो पालतू घरेलू पन में भी उतना ही खुश है । एक सुरक्षित ‘भगवान’ ही भगवान की पदवी को छोड़ सकता है और आराम महसूस कर सकता है ।
तुरंत पहचानी जाने वाली धुनों की दुनिया में अक्सर क्लैप्टॉन के संगीत को अस्मिता विहीन भी कहा गया है । परंतु उनका संगीत उत्कृष्टता की अनेक परतों से पैदा हुआ है । उनके 70 वें जन्मदिन के एक आकलन में कहा गया था ‘अन्य प्रसिद्ध गिटारिस्ट के अपने पांच फेमस लिक्स होते हैं और उन सब को क्लैप्टन आत्मसात कर चुके होते हैं अब क्लैप्टन के पास उन ओरिजिनल ब्लू प्रिंट्स का ख़ज़ाना है अतः उके पास अब दर्जन और फिर दो दर्जन ब्लू प्रिंट्स हो जाते हैं और फिर वो उन सब को ब्लूज के पेंटा टॉनिक स्केल पर लिंक कर असीमित ट्विस्ट्स और विगल्स पैदा करते हैं जिनको वो पूरी कुशलता से छेड़ते हैं। ये एक संगीत की ईमारत है जो सीमाओं की छेनी से नहीं छीली हाई है बल्कि निरतर बढ़ती समृद्धि से निकलती है।
उनकी शांत शैली से धोखा खाना बहुत आसान है। उनके व्यक्तित्व में एक सौम्यता और एक संगीत शैली है जिसका उद्देश्य अपनी गहराई से प्रभावित करना है न की हरकतों से चकाचौंध । एरिक क्लैप्टन ने हैंड्रिक्स, पेज, बेक, बीटल्स, फ्रैंक ज़प्पा, बीबी किंग, बडी गाय, रोलिंग स्टोन्स के साथ साथ कई नई प्रतिभाओं के साथ संगत की है। उन्होंने हैंड्रिक्स और उनके बैंड साथी डुआने ऑलमैन जैसी प्रतिभाओं का सदा सम्मान किया। वह खुद हालांकि, कम दिखावटी लेकिन शायद ज़्यादा गहरी प्रतिभा है। उनका इम्प्रोवाइजशन जैज़ जैसी त्वरित प्रेरणा से नहीं वरन उनका वो अनजाना अपरिभाषित तरल ट्विस्ट, कौशल की ठोस एकत्रित सम्पदा से निकलता है। यह कम दिखावटी पर ज़्यादा गहरा है एक गहराई जो वर्षो की साधना और प्रतिभा का संगम है न की किसी जंगली प्रतिभा की कोई अल्हड चिंगारी। क्लैप्टन इसे बहुत ही सूक्ष्मता से समझते हैं । जब उन्हें जॉन लाफलिन के इस विलाप पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया कि वह (लाफलिन) वह सब कुछ नहीं बजा सकते जो वह सोच सकते है, एरिक क्लैप्टन ने कहा "मैं ' जॉन के बिल्कुल विपरीत हूँ , वह शायद उन चीजों के बारे में सोच सकते है जो वह बजाना चाहते हैं है और नहीं कर पाते , और मैं कुछ भी नहीं सोच सकता! मेरा बजाना मेरे सोचने की क्षमता से बहुत आगे निकल जाता है। इसलिए मैं कभी जैज संगीतकार नहीं बन सका, क्योंकि मैं इसे अपने दिमाग में संगीत को नहीं सुन सकता। मेरा संगीत सीधा बस मेरे हाथ में जाता है।" वह अपरिमित गहराई के संगीतकार हैं, उनका नयापन अभ्यास से आता है और गहराई से आगे बढ़ता है। नवीनता, वर्तमान के, जो मौजूद है, के ढेर से उभरती है। ऐसा लगता है कि क्लैप्टन के गिटार और उसकी आंतरिक भावनाओं के बीच एक खुला चैनल है जिसे न तो उम्र और न ही नकल काट सकती है। हो सकता है कि उनका लक्ष्य चकाचौंध करना न हो, लेकिन शुद्ध संगीत का भंडार और असंख्य प्रभावों का मधुर सृजनशील टकराव नियमित रूप से चौंकाने वाले क्षण पैदा करता है।
ऐसे में संभव है की किसी को ये धोखा हो जाये की उनका संगीत आत्मा से रहित केवल तकनीक और कला है। वो अनवरत अपनी कला को साधने उसे चमकाने में लगे रहे है, इसकी मुख्य वजह ये है की संगीत उनके लिए अभिव्यक्ति के साथ साथ हीलिंग का भी एक जरिया है। उन्हें अपने नैराश्य, दुःख और लगभग जानलेवा व्यसनों में संगीत का सहारा मिला। लायला और टीयर्स इन हेवन (उनका 4 साल के पुत्र कोनोर की दुर्घटनावश 53 मंजिल की खिड़की से गिर कर मृत्यु हो गयी थी और ये गीत संगीत के माध्यम से उस विराट दुःख को अभिव्यक्त और समझने का एक प्रयास माना जाता है) ऐसे ही गीत हैं। क्लैप्टन खुद कहते हैं “मुझे मालूम था की अगर मैं अपने संगीत के साथ रहूँगा तो वो मुझे शांति देगा और मेरा उपचार भी करेगा। मुझे समझ नहीं आ रहा था की मुझे क्या सोचना चाहिए व क्या महसूस करना चाहिए ये सुन्नता शायद मेरे शरीर का डिफेन्स मैकेनिज्म था क्योंकि उस परिस्थिति में पागलपन मुँह बाए खड़ा था। एकमात्र रास्ता था की में संगीत बजाऊं” संगीत उनका रक्षा कवच था उनका ईंधन था वो आगे कहते हैं “जब मैं अच्छा बजा रहा होता हूँ तो मुझे कैसा डर? उस क्षण में मैं बिलकुल सुरक्षित हूँ। संगीत को जब हम मौका देते हैं तो उसक ये गुण और पुख्ता हो कर सामने आता है” उनके बाद के दिनों के शांत सौम्य व्यक्तित्व के पीछे निराशा और दुःख की गहरी खाई और एक मोंक की गहरी साधना है जिसने उनके संगीत को अद्भुत गहराई और एक राहत भरे ठहराव के साथ एक कुलीन शिष्टता भी दी है ।
ब्लूज की विधा क्लैप्टन का असली घर है। उनके अनुसार ब्लूज ‘आत्मा का असली संगीत है जिसमे बुद्धि का कोई स्थान नहीं है” ब्लैक प्लांटेशन मजदूरों, जो की ग़ुलामी का ही रूप था, के अमरीकी संगीत में रूचि लेने वाले वो पहले ब्रिटिश संगीतकारों में से एक थे। उनका इस विधा में श्रीगणेश मड्डी वाटर्स और उनके जैसे संगीतकारों से हुआ। एक अकेले युवक को जिसकी पारिवारिक पृष्ठभूमि खासी जटिल थी (एक teenager माँ के अवैध पुत्र जिनको उनके दादा दादी ने पाला दादा दादी वह बहुत दिनों तक अपना माता पिता और माँ को अपनी बहन समझते रहे) के लिए ब्लूज में एक शरण थी, एक राहत थी। एक परेशान आत्मा को इस संगीत के नैराश्य में अपने दुःख की झलक दिखी। ब्लूज रेडेम्पशंन तड़प और आनंद का एक संवाद है। गार्डियन अखबार में उनकी 70 वे जन्मदिन के लेख में उन्होंने अपनी यात्रा जिसमे कैसे उनका अतुलनीय स्टाइल ज्ञान, कला और अनुभवों को लगातार जमा करते रहने से निकला है। लेख में क्लैप्टन कहते हैं कि इंग्लैंड में पॉप और रॉक का बोलबाला था और वहां का रॉक स्कॉटी मूर और क्लिफ गैलप जैसे गिटारिस्ट की परंपरा में था। ब्लैक परंपरा की तरफ जाना मेरा एक सोचा समझा निर्णय था। मेरी मुख्य कोशिश इस परंपरा को चक बेरी रॉक फॉर्मेट में ढालने की थी” वो आगे कहते हैं की “ब्लूज एक भाषा है जिसे ध्यान दे कर सीखना पड़ता है। सीखना फीलिंग से ज़्यादा ये एक एक्शन है। इसमें लाइब्रेरी जाना और जो कुछ भी संभव हो उसको सुनना और समझना शामिल है। वो फिर एक बार अपनी excellence by accumulation वाली लाइन पर लौटते हैं “एक बार जब जो भी संभव है सब कुछ सुन समझ लिया और हमने अतीत के बोझ और ब्लूज़ की संगति को अपना सर्वोत्तम प्रयास दे दिया होता है और हम अपना सारा रिसर्च और साधना कर चुके होते हैं, तब अगर संगीत से अगर तुम्हे सच्चा प्यार है, तो तुम उसको तुम अपने तरीके से अभिव्यक्त करने लगोगे। ऐसा न होना असंभव है, वो कहते हैं। उनके व्यक्तित्व की स्थिर सौम्यता और ब्लूज की matter of factness और निर्विकार स्वीकृति में एक गहरा साम्य है। उनकी 1994 की एल्बम ‘फ्रॉम द क्रैडल’ ब्लूज की रिकॉर्डिंग इतिहास की सबसे ज़्यादा बिकने वाली एल्बम है।
उनके एक लम्बे समय से तराशे व्यक्तित्व , शैली और मूड उनके लेट इयर्स में उनके बहुत काम आये। 1992 का MTV अनप्लग्ड की अपार सफलता के बाद से वो लगातार अच्छे एल्बम निकल रहे हैं (Riding with the King, Me and Mr. Johnson, Back Home, The Road to Escondido, The Breeze) साथ ही निरंतर वो टूर्स, और फेस्टिवल्स में व्यस्त रहते हैं, क्रॉस रोड्स - गिटार पर आधारित सालाना फेस्टिवल उनका ही ब्रेन चाइल्ड है।
आज के एरिक क्लैप्टन संगीत के प्रकाश स्तम्भ और उसके सेवक के रूप में पूरी तरह से सक्रिय हैं। बेहद बुद्धिमत्तापूर्ण तरीक़े से उन्होंने स्वयं को ‘एल्डर स्टेट्समैन ऑफ़ म्यूजिक ‘ जैसी उपाधियों से दूर रखा है जिनके वैसे तो वो पूरे हक़दार हैं। उन्होंने संगीत के स्मारक बनने की जगह संगीत का विद्यार्थी बने रह कर अपनी उपयोगिता और उपादेयता बनाये रखी है। आज वो जीवन की जिस गहराई के साथ संगीत पैदा कर रहे हैं , कई लोग कहेंगे की वैसी गहराई उनके शुरूआती दौर और प्रसिद्धि के चरम पर भी नहीं महसूस होती थी। वे अपनी कला और जीवन से एक शांत पर सुकून से भरा गहरा रिश्ता बनाये हुए हैं जिसमे उनकी सृजनात्मकता निर्बाध अभिव्यक्ति पाती है। वो कहते हैं "स्वीकृति अस्तित्व की एक महान अवस्था है। यह उन्माद, नाटक, चरम भावनाओं से अलग हटकर है। ” इन चरम भावनाओं को जीकर और उन्हें छोड़कर क्लैप्टन ने संतुलित और अप्रतिम संवेदनशीलता की एक चिर स्थायी उत्कृष्टता का निर्माण किया है।
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